Uttarakhand CM : PUSHKAR SINGH DHAMI is new Chief Minister of Uttarakhand after Tirath singh rawat

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PUSHKAR SINGH DHAM I is chosen as 10th chief minister of Uttarakhand after Tirath singh rawat resigned from his post. Nearly a constitutional crisis has come, The way CMs are changing and has led to instability in Uttarakhand. WHO IS PUSHKAR SINGH DHAMI? Dhami is an Indian politician and member of Uttarakhand legislative assembly from khatima constituency from udham singh nagar district. ACHIEVEMENTS OF PUSHKAR DHAMI  :  Dhami has served as President of bjp youth wing BYJM and is quite popular among youths. He also worked in AKHIL BHARATIYA VIDYARTHI PARISHAD Today, early morning BJP held a meeting and decided to replace Tirath singh rawat with Pushkar singh dhami and led to stability in Uttarakhand. Though election has almost approached the uttarakhand and expected to be in first half of 2022.

review of book 12th fail

                      twelfth fail 
                           (Saima parveen)


                   पृष्ठ संख्या - 175
                   लेखक - अनुराग पाठक
                   प्रकार - उपन्यास

उड़ान हमेशा ऊंची भरनी चाहिए , नहीं मिलेगी सफलता तो कोई ग़म नहीं  , पंख तो मजबूत होंगे । 

यह कहानी है एक लड़के की जो बारहवीं (12) कक्षा का विद्यार्थी था ,  और ट्वेल्थ में फेल हो गया । 
 यह कहानी है उस  छात्र के 12वीं फेल से लेकर आईपीएस अफसर बनने तक की  ।
इस उपन्यास में बताया गया है कि किस तरह एक लापरवाह लड़का जिसका उपन्यास के अलावा किसी विषय को पढ़ने में मन न लगता आज इस मुकाम पर पहुंच गया कि नाम के आगे आईपीएस लगता है ।
        *आईपीएस मनोज शर्मा

जो इस उपन्यास का मुख्य पात्र है ।  गांव मुरैना का रहने वाला साधारण मध्यमवर्गीय कहे तो इससे भी निचले स्तर का एक लड़का  । जिसने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाया ,  रहने की जगह के लिए धक्के खाएं  , कोचिंग के लिए पैसे इकट्ठे करने के लिए पुस्तकालय (library)  में काम किया ,  कुछ समय के लिए भोजनालय में भी काम किया ।

    #कहानी शुरू होती है यहां से : 
मनोज एक उपन्यास प्रेमी अपने गणित की परीक्षा से एक रात पहले उपन्यास पढ़ते हुए बिता दी और सुबह उठकर चिंतित था कि परीक्षा कैसे देगा ।  परंतु मनोज के दिमाग में यह छवि साफ थी कि नकल के भरोसे वह ट्वेल्थ पास कर ही लेगा । 

 # परीक्षा वाले दिन ....
जैसे मनोज  ने सोचा था वैसा कुछ नहीं हुआ विद्यालय में एसडीम के अचानक से प्रवेश ने पूरी योजना को असफल कर दिया ।  परंतु एसडीएम के रुतबे और उसकी वर्दी को देख मनोज के अंदर एक लहर दौड़ गई और कहीं न कहीं वह प्रभावित हुआ अब ट्वेल्थ फेल मनोज को एसडीएम बनने की इच्छा होने लगी थी ।

      #परिणाम वाले दिन......
इतना तो स्पष्ट था कि मनोज पास तो नहीं हो पाएगा ।आखिरकार वह फेल हुआ पर पिताजी को इन सब से कोई मतलब नहीं था  । वह कमाते और खाते इन दोनों कामों के बीच कोई तीसरा काम नहीं चाहते थे । पत्नी के तानों से परेशान होते तो वह  बाहर घूम आते ,  और छोटे भाई दीपक को आवारागर्दी से समय ना था  । उसकी जिंदगी में चीजें स्पष्ट थी  । आवारागर्दी और जिंदा रहने के लिए भोजन  । 

मनोज ने फैसला कर लिया कि पढ़ाई लिखाई उसके बस की बात नहीं । उसने निर्णय लिया कि टेंपो खरीदा जाए और मां ने इस निर्णय में उसका पूरा साथ और गहने बेचकर समर्थन किया  । 

समय गुजरता गया और सब ठीक होने लगा ।
 घर की  अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी ।
परंतु मनोज का टेंपो ज़ब्त हो गया ।  बहुत कोशिश के बाद भी हाथ कुछ नहीं लगा और जेल में भी कई दिन बिताने पड़े । पर वहां पर मनोज को वहीं एसडीएम दिखा  जो उसके प्रेरणा का स्त्रोत था ।

 #मनोज शर्मा यूपीएससी परीक्षा के तैयारी के दौरान ......
मनोज ने तय किया कि किसी के सामने रोएगा नहीं ।    किसी दोस्त से मदद मांगे  बिना संघर्ष करके परीक्षा में सफल होगा । 
एक समय ऐसा आया जब घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण  भोजनालय में काम किया । 

समय बीतता गया और एक , दो,  तीन  करते-करते मनोज के अटेम्प्ट खत्म होते गए  ।
1.कभी अच्छी तैयारी न होने के कारण
2. कभी दोस्तों को चक्कर में
 3.कभी अति आत्मविश्वास के कारण 
और समय आया आखिर अटेम्प्ट  का
इस बार मनोज को अपने लिए फैसलों पर पछतावा होने लगा था  । जैसे तैसे करके मनोज के प्रीलिम्स और  मैंस तो क्लियर कर लिया था पर अब बारी थी इंटरव्यू की ।

मनोज का कल इंटरव्यू था । घबराए मनोज को अब नींद आनी बंद  हो गई थी  । भूख प्यास मिट  चुकी थी । ज्यो त्यो रात बीती और बारी आई इंटरव्यू की  ।


      #इंटरव्यू का  दृश्य.....
दरबान ने नाम लेकर पुकारा :  मनोज कुमार शर्मा घबराहट चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी । 
 मनोज उठा  , चमचमाते कपड़े पहने मनोज ने गहरी सांस ली और अंदर प्रवेश किाय । अंदर का दृश्य तनावपूर्ण था ,  ठीक वैसे ही जिसकी कल्पना की थी ।

         #बोर्ड मेंबर द्वारा पूछे गए प्रश्न.....
पहला प्रश्न सरल था ।  तुम सिविल सर्विसेज में क्या जानना चाहते हो ?
 दूसरे प्रश्न मनोज की पढ़ाई को लेकर किया गया ।
कुछ टेढ़े प्रश्न को पूछ कर मेंबर्स मनोज के आत्मविश्वास को हिला देना चाहते थे परंतु नाकाम रहे । और करते करते  आखिर प्रश्न पूछा गया और मनोज पूरी तरह हिल गया मनोज को यह पता था कि यह उसका आखिरी अटेम्प्ट है । 

 मेंबर्स ने पूछा कि अगर आप इस बार सिलेक्ट नहीं हो पाए तो क्या करेंगे ? 
 इस प्रश्न को सुनते ही मनोज की आंखों के सामने कई चीजें आ गई ।
1. घर की आर्थिक स्थिति
2. मां का मनोज पर विश्वास 
3.दोस्त श्रद्धा का साथ 
4.मनोज के द्वारा किया वह संघर्ष ।

 उसे लगने लगा कि अब  सब खत्म हो जाएगा । सब व्यर्थ  चला जाएगा ।


मनोज ने कुछ उत्तर दिया और मनोज को बाहर जाने का आदेश दे दिया गया ।
 प्रतीक्षा करते करते वह दिन भी आ गया जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था ।
 12 मई परिणाम का दिन दोस्तों द्वारा पता चला कि आप साधारण सा ट्वेल्थ फेल मनोज  एक आईपीएस अफसर बन चुका है । 
 खुशखबरी सुनते ही मनोज ने अपने घर पर फोन मिलाया और अब आईपीएस मनोज अपने पिता से बात कर रहा था ।
 खुशी का माहौल....

Rating : 🌟🌟🌟🌟(4.5/5)
क्योंकि ये जल्दी खत्म हो गई😌

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